Tuesday, 23 February 2016

मात्रक(द्रव्यमान,समय,लम्बाई,ताप )

मीटर-किग्रा.-सेकेण्ड पद्धति में लम्बाई का मात्रक 'मीटर' होता है। यह प्लेटिनम–इरीडियम मिश्रधातु की छड़ पर 0ºC पर बने दो चिह्नों के बीच की दूरी को 'मीटर' कहा जाता है। यह छड़ पेरिस के अंतर्राष्ट्रीय माप तौल के कार्यालय में रखी गई है। 1983 में, माप तौल के एक कॉन्फ्रेंस में 'मीटर' को पुनः परिभाषित किया गया। इसके अनुसार 'मीटर' वह लम्बाई है, जिसे प्रकाश निर्वात में 1/299792457 सेकेण्ड में तय करता है। एक अन्य परिभाषा के अनुसार एक मीटर वह दूरी है, जिसमें शुद्ध क्रिप्टॉन–86 से उत्सर्जित होने वाले नारंगी प्रकाश की 1,650,763,73 तरंगें आती हैं।
लम्बाई के प्रमुख मात्रक
मात्रकलम्बाई (मीटर में)मात्रकलम्बाई (मीटर में)
1 टेरामीटर (T)
10121 डेसीमीटर (d)10-1
1 गीगामीटर (G)1091 सेंटीमीटर (c)10-2
1 मेगामीटर (M)1061 मिलीमीटर (m)10-3
1 मिरियामीटर1041 माइक्रोन μ10-6
1 किलोमीटर (K)1031 मिली माइक्रोन mμ10-9
1 हेक्टोमीटर1021 एंग्ट्राम (Å)10-10
1 डेकामीटर101 पिकोमीटर (p)10-12
1 X–मात्रक10-13
1 फर्मीमीटर (f)10-15
1 आटोमीटर10-18
प्रकाश वर्ष- प्रकाश द्वारा एक वर्ष में तय की गई दूरी को एक प्रकाश वर्ष कहते हैं। अतः प्रकाश वर्ष, दूरी का मात्रक है। प्रकाश द्वारा निर्वात में 1 वर्ष में चली गई दूरी 9.46×1015 मीटर होती है। अर्थात्-
1 प्रकाश वर्ष=9.46×1015 मीटर
खगोलिय इकाई- सूर्य व पृथ्वी के बीच की औसत दूरी को एक खगोलीय इकाई कहते हैं। पृथ्वी और सूर्य के बीच औसत दूरी 1.496×1011 मीटर होती है। अर्थात्-
1 खगोलीय इकाई=1.496×1011 मीटर
पारसेक- पारसेक 'Parallactic second' का संक्षिप्त रूप है। यह दूरी का मात्रक है। यह 1 सेकेण्ड चाप का लम्बन प्रदर्शित करता है।
1 पारसेक=3×1016 मीटर

द्रव्यमान के मात्रक

S.I. पद्धति में द्रव्यमान का मात्रक 'किग्रा.' है। पेरिस के पास सेवरेस नगर में अन्तर्राष्ट्रीय माप तौल के कार्यालय में रखे प्लेटिनम–इरीडियम मिश्र धातु के एक बेलन का द्रव्यमान 'मानक किग्रा.' माना जाता है।
द्रव्यमान के मात्रकमात्रकद्रव्यमान1 टेराग्राम109 किग्रा1 जीगाग्राम106 किग्रा1 मेगाग्राम103 किग्रा1 टन103 किग्रा1 क्विटंल102 किग्रा1 पिकोग्राम10-15 किग्रा1 मिलीग्राम10-6 किग्रा1 डेसीग्राम10-4 किग्रा1 स्लग10.57 किग्रा1 मीट्रिक टन1000 किग्रा1 आउन्स28.35 ग्राम1 पाउंड16 आउन्स (453.52 ग्राम)1 किग्रा2.205 पाउंड1 कैरेट205.3 मिलीग्राम1 मेगाग्राम1 टन1 ग्राम10-3 किग्रा

समय के मात्रक

S.I. पद्धति में समय का मात्रक 'सेकेण्ड' होता है। एक मध्याह्न से दूसरे मध्याह्न के बीच की अवधि को सौर दिन कहा जाता है तथा पूरे वर्ष के 'सौर दिनों' के माध्य को 'माध्य सौर दिन' कहते हैं। इस माध्य सौर दिवस का 1/86400 भाग एक सेकेण्ड के बराबर होता है।
समय के मात्रक
मात्रकसमय
1 पिकोसेकेण्ड10-12 सेकेण्ड
1 नैनोसेकेण्ड10-9 सेकेण्ड
1 माइक्रोसेकेण्ड10-6 सेकेण्ड
1 माइक्रोसेकेण्ड1-3 सेकेण्ड

वैद्युत धारा का मात्रक

विद्युत धारा मात्रक ऐम्पियर है। ऐम्पियर वह विद्युत धारा है, जो निर्वात में 1 मीटर की दूरी पर स्थित दो सीधे, लम्बे व समान्तर तारों में प्रवाहित होने पर, प्रत्येक तार की प्रति मीटर लम्बाई पर तारों के बीच 2×10-7 न्यूटन का बल उत्पन्न करती है।

ताप का मात्रक

ताप का मात्रक केल्विन है। सामान्य वायुमंडलीय दाब पर ग़लते बर्फ़ के ताप तथा जल के ताप के 100वें भाग को एक केल्विन (1 K) कहते हैं।

ज्योति तीव्रता का मात्रक

इसका मात्रक केन्डिला है। मानक स्रोत के खुले मुख के 1 सेमी2 क्षेत्रफल की ज्योति तीव्रता का 1/60वाँ भाग एक केन्डिला कहलाता है। जबकि स्रोत का ताप प्लेटिनम के गलनांक के बराबर हो।
इन सबको मूल राशियाँ कहते हैं। मूल राशियों के मात्रक एक–दूसरे से पृथक और स्वतंत्र होते हैं। साथ ही इन राशियों में से किसी एक को किसी अन्य मात्रकों में न तो बदला जा सकता है और न ही उससे सम्बन्धित किया जा सकता है। मूल राशियों के मात्रक को मूल मात्रक कहा जाता है। उपर्युक्त सात मूल भौतिक राशियों के अतिरिक्त दो पूरक मूल राशियाँ 'कोण' तथा 'घन कोण' भी होती हैं।

तलीय कोण का मात्रक

तलीय कोण का मात्रक रेडियन है। रेडियन वह कोण है, जो वृत्त की त्रिज्या के बराबर एक चाप, वृत्त के केन्द्र पर अन्तरित करता है।

घन कोण का मात्रक

घन कोण का मात्रक स्टेरेडियन है। 1 स्टेरेडियन वह घन कोण है, जो गोले के पृष्ठ का वह भाग जिसका क्षेत्रफल गोले की त्रिज्या के वर्ग के बराबर होता है, गोले के केन्द्र पर अन्तरित करता है।

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