सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाने वाले ग्रहों, उपग्रहों, धूमकेतुओं, क्षुद्रग्रहों तथा अन्य अनेक आकाशीय पिण्डों के समूह या परिवार को सौरमण्डल कहते हैं। कोई भी ग्रह एक विशाल, ठंडा खगोलीय पिण्ड होता है जो एकनिश्चित कक्षा में अपने सूर्य की परिक्रमा करता है। सूर्य हमारे सौरमण्डल का केंद्र है, जिसके चारों ओर ग्रह- बुध, शुक्र, मंगल, पृथ्वी, बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेप्च्यून चक्कर लगाते हैं। अधिकतर ग्रहों के उपग्रह भी होते हैं जो अपने ग्रहों की परिक्रमा करते हैं। प्लूटो से ग्रह का दर्जा छीन लिया गया था, जिसकी वजह से अब हमारे सौर मण्डल में मात्र 8 ही ग्रह रह गये हैं। हमारे सौरमण्डल के ग्रहों का विभाजन आंतरिक ग्रहों और बाह्य ग्रहों के रूप में किया गया है। आंतरिक ग्रह हैं- बुध, शुक्र, पृथ्वी और मंगल। आंतरिक ग्रहों का निर्माण धात्विक तत्वों एवँ कठोर पाषाणों से हुआ है। इन ग्रहों का घनत्व अत्यन्त उच्च होता है। इसमें पृथ्वी सबसे बड़ा ग्रह है। बाह्य ग्रह-बृहस्पति, शनि, यूरेनस और नेप्च्यून अत्यन्त विशाल हैं। इनका निर्माण प्राय: हाइड्र्रोजन व हीलियम गैसों से हुआ है। ये सभी ग्रह अत्यन्त द्रुतगति से घूमते हैं।
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Sunday, 6 March 2016
सौरमण्डल
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