Saturday, 5 March 2016

प्रमुख अंत: स्रावी ग्रंथियां एवं उनके कार्ये

ग्रन्थि का नाम
हार्मोन्स का नाम
कार्य
पिट्यूटरी ग्लैंड या पियूष ग्रन्थि
सोमैटोट्रॉपिक हार्मोन
थाइरोट्रॉपिक हार्मोन
एडिनोकार्टिको ट्रॉपिक हार्मोन
फॉलिकल उत्तेजक हार्मोन
ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन
एण्डीड्यूरेटिक हार्मोन
कोशिकाओं की वृद्धि का नियंत्रण करता है।
थायराइड ग्रन्थि के स्राव का नियंत्रण करता है।
एड्रीनल ग्रन्थि के प्रान्तस्थ भाग के स्राव का नियंत्रण करता है।
नर के वृषण में शुक्राणु जनन एवं मादा के अण्डाशय में फॉलिकल की वृद्धि का नियंत्रण करता है।
कॉर्पस ल्यूटियम का निर्माण, वृषण से एस्ट्रोजेन एवं अण्डाशय से प्रोस्टेजन के स्राव हेतु अंतराल कोशिकाओं का उद्दीपन
शरीर में जल संतुलन अर्थात वृक्क द्वारा मूत्र की मात्रा का नियंत्रण करता है।
थायराइड ग्रन्थि
थाइरॉक्सिन हार्मोन
वृद्धि तथा उपापचय की गति को नियंत्रित करता है।
पैराथायरायड ग्रन्थि
पैराथायरड हार्मोन
कैल्शिटोनिन हार्मोन
रक्त में कैल्शियम की कमी होने से यह स्रावित होता है। यह शरीर में कैल्शियम फास्फोरस की आपूर्ति को नियंत्रित करता है।
रक्त में कैल्शियम अधिक होने से यह मुक्त होता है।
एड्रिनल ग्रन्थि
·         कॉर्टेक्स ग्रन्थि
·         मेडुला ग्रन्थि
ग्लूकोर्टिक्वायड हार्मोन
मिनरलोकोर्टिक्वायड्स हार्मोन
एपीनेफ्रीन हार्मोन
नोरएपीनेफ्रीन हार्मोन
कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन एवं वसा उपापचय का नियंत्रण करता है।
वृक्क नलिकाओं द्वारा लवण का पुन: अवशोषण एवं शरीर में जल संतुलन करता है।
ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है।
ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है।
अग्नाशय की लैगरहेंस की




इंसुलिन हार्मोन
रक्त में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करता है।

द्विपिका ग्रन्थि
ग्लूकागॉन हार्मोन
रक्त में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करता है।
अण्डाशय ग्रन्थि
एस्ट्रोजेन हार्मोन
प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन
रिलैक्सिन हार्मोन
मादा अंग में परिवद्र्धन को नियंत्रित करता है।
स्तन वृद्धि, गर्भाशय एवं प्रसव में होने वाले परिवर्तनों को नियंत्रित करता है।
प्रसव के समय होने वाले परिवर्तनों को नियंत्रित करता है।
वृषण ग्रन्थि
टेस्टेरॉन हार्मोन
नर अंग में परिवद्र्धन एवं यौन आचरण को नियंत्रित करता है।



No comments:

Post a Comment